Monday, March 7, 2011

शांति सम्मेलन

हाल ही एक शांति सम्मेलन में जाना हुआ. आयोजन चूँकि नगर के एक प्रसिध्द सेठ की ओर से था, लिहाजा खाने-पीने का समुचित प्रबंध था. शुरू में ही आगंतुक लोग व्यंजनों पर ऐसे टूटे जैसे कोई चांस न लेना चाहते हों. मैंने भी तर माल उड़ाया तो पेट में शांति सी महसूस हुई और मुझे लगा कि ऐसे आयोजन निरर्थक नहीं होते.
सबसे पहले सेठ जी ने स्वयं माइक संभाला. बोले, मेरा नाम शांतिलाल है.
मैं बचपन से ही शांति का समर्थक रहा हू.किशोरावस्था तक पहुँचते-पहुँचते मैं शांति का प्रेमी और पुजारी बन चुका था. पूरी दुनिया को भले ही आज  शांति कि आवश्यकता महसूस हो रही हो, मैं युवा होते ही समझ गया था कि शांति के बिना सब कुछ बेकार है.सभागार करतल ध्वनि से गूँज उठा.
सेठ जी और जोश में आये.बोले, कॉलेज में पढ़ रहा था तभी मुझे एहसास हो गया कि शांति के बिना मैं नहीं रह सकता. मैं उसे लेकर भाग गया था. मैंने शांति को हमेशा के लिए अपना बना लिया और आज वह मेरी धर्मपत्नी है.तब से लेकर आज तक मैं शांति से ही काम लेता हूँ.मैं आप सभी को आश्वस्त कर देना चाहता हूँ कि शांति मेरे घर में सुरक्षित है.
सेठजी के सारगर्भित भाषण क़ी सराहना में तालियाँ फिर बजीं.
संचालक ने ऊंघ रहे क्षेत्रीय विधायक  से दो शब्द बोलने का अनुरोध किया.विधायकजी इलाके में कई बार और पबों के मालिक थे. कहा जाता था कि इलाके में शांति या अशांति जैसी  कोई भी चीज उनकी मर्ज़ी के बिना नहीं हो सकती थी. राजनीति को  गरिमा मंडित करने से पहले वे क्षेत्र में दहशत फैलाया करते थे.
बोले, मैं शांति का घोर समर्थक हूँ.जिधर से भी गुजरता हूँ शांति छा जाती है.साल में एक बार मैं इलाके में गणेशा को बिठा देता हूँ. लाउड स्पीकर पर हरी ॐ हरी , ॐ शांति ॐ जैसे गाने बजाता हूँ और लोगों को शांति का सन्देश दे देता हूँ.जिस दिन गणेशा को नदी में डालकर आता हूँ, इलाके में अपूर्व शांति होती है. कोई ज्यादा चू-चपड करे तो मैं उसे शांत करना भी जानता हूँ. मैं समझता हूँ क़ी सारे देश के लोग मुझसे प्रेरणा लेकर शांति में सहायक बन सकते हैं.
दर्शकों में मौजूद नेताजी के कुछ आदमियों ने जिंदाबाद के नारे लगाये.
इसके बाढ़ कुछ बुध्दिजीवी  किस्म के लोग बोले.उन्होंने गौतम बुध्द, महात्मा  गाँधी, सौहार्द, अहिंसा, विश्वबंधुत्व जैसे विषय पर बोलना शुरू किया तो अधिकांश लोग जम्हाई लेने लगे. जैसे कि गौतम और गाँधी से ज्यादा अप्रासंगिक और कुछ न हो.कुछ लोग लघु शंका आदि से निवृत होने चल दिए.
मुख्य अतिथि एक केन्द्रीय मंत्री थे.उन्होंने कहा कि आज देश में सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों में शांति व् धैर्य क़ी कमी है.विपक्ष संसद में अशांति  मचाये रहता है और मीडिया संसद के बाहर. एक कुत्ता भी कुएं में गिर जाये और उसे बचाने के लिए हेलीकाप्टर नहीं पहुंचे तो मीडिया ऐसा हल्ला मचाता है जैसे अनर्थ हो गया.
उन्होंने कहा, चूंकि विकास के लिए शांति आवश्यक है, इसलिए हम शांति स्थापना के लिए कटिबध्द हैं.ऐसा कहते हुए उन्होंने कमर पर पजामे के नाड़े को कसकर बांधा, लोगों ने तालियाँ बजाई. 
मंत्री ने कहा, सच तो यह है क़ी यदि हम शांति से कम लेना सीख लें तो वह खुद आ जाती है.कुछ  साल पहले उड़ीसा में भुखमरी फैली, हमने शांति से कम लिया, बाद में वहां महामारी फैली और अब वहां शांति है.आज जो महंगाई बढ़ रही है, यह भी शांति में सहायक होगी, बस देखना यह है कि इससे कितने लोग शांत हो पाते हैं. मंत्रीजी ने कहा कि हम सदियों से पूरे विश्व को शांति का सन्देश देते आये है.शांति हमारा स्वभाव है. हमारे धर्मगुरु कहते हैं कि शांति चाहते हो तो शांत हो जाओ, अकर्ता हो जाओ.आइये शांत हो जाएँ.
करतल ध्वनि के साथ सम्मेलन का समापन हुआ. समापन के बाद नाश्ता करते समय अधिकांश लोगों क़ी राय थी कि ऐसे आयोजन समय-समय पर होते रहें.
आपका क्या ख्याल है?

10 comments:

  1. बहुत बढ़िया..... आपने शांति से हकीकत सामने रख दी....
    सधा हुआ ज़बदस्त कटाक्ष ....

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  2. शांति शब्द तो एक है,सन्दर्भ अलग-अलग हैं,इसलिए सबकी शांति का उद्देश्य अलहदा है !

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  3. .

    Seth ji was definitely very shrewd . He knows very well how to fool people. But the most unfortunate part is the herd-mentality of people. They have no time to comprehend the meaning hidden in his words. They are just blind followers to applaud on any damn word spoken by such clever lot.

    .

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  4. .

    You came on my English blog- Paradise.

    It will be pleasure to see you on my Hindi blog- 'ZEAL' as well.

    zealzen.blogspot.com

    Thanks and regards,

    .

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  5. आज मंगलवार 8 मार्च 2011 के
    महत्वपूर्ण दिन "अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को "सुगना फाऊंडेशन जोधपुर "और "आज का आगरा" की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. आपका आपना

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  6. bahut bahut achhi v vyang se paripun ek umda post.behad shalinta ke sarh aapne prastut kiya hai
    bahut bahut badhai---
    poonam

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  7. शांति की भिन्न भिन्न परिभाषायें। सबको अपने अस्तित्वों के कारण शान्ति स्थापित होते दिखती है।

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  8. शांतिलाल अच्छे लोगो के लिए स्थान खाली करे

    --------



    शांतिलाल जेसे लोग इस दुनिया में कम नहीं हें,

    भगवन इन जेसे लोगो को जल्दी से जल्दी इस दुनिया से विदा

    करे ताकि कुछ अच्छे लोगो के लिए दुनिया में कुछ स्थान खाली हो सके

    यही

    प्राथना करता हूँ .



    रमेश ठाकुर ८ मार्च २०११

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  9. ऐसी शांति,,,,......धन्य भये.....ऐसी शांति ही सर्वत्र छाई है, :)


    बहुत मस्त!

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  10. लेख पढ़कर बड़े दिन बाद शांति मिली ...शुभकामनायें !!

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