Saturday, November 16, 2013

सचिन तेंदुलकर या ब्रायन लारा- 1

आज टेस्ट क्रिकेट से भी सचिन के संन्यास लेने से भारतीय क्रिकेट के एक युग का अंत हो गया। सचिन को संन्यास ले लेना चाहिए या नहीं, जैसे ढेर सारे सवालों के उठने के बाद आखिर सचिन राजी हुए और उनकी अलविदा सीरिज के लिए वेस्ट इंडीज को बुलाया गया। प्रदर्शन के लिहाज से रसातल में पहुंच चुकी वेस्ट इंडीज टीम प्रतिद्वंद्वी के रूप में बच्चों की टीम साबित हुई और दोनों टेस्ट मैंचों को तीन दिन में ही हार गई और जीत के तोहफे के साथ सचिन की विदाई हुई। यह सीरिज हार-जीत से ज्यादा सचिन की विदाई के लिए आयोजित थी और सचिन को शानदार विदाई दी गई, जिसके वे हकदार भी हैं।

 सचिन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक थे, इसमें दो राय नहीं। रहा सवाल सर्वश्रेष्ठ होने का तो इस पर विवाद होता रहा है। सचिन की तुलना ब्रायन लारा से होती रही है। सचिन या ब्रायन लारा। कौन है दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज। यह सवाल किसी भारतीय से पूछने पर जवाब तय है- सचिन। जिस क्रिकेटर ने 24 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला हो, कुल मिलाकर सौ शतक बनाए हों, जिसका औसत टेस्ट मैचों में 50 से ऊपर हो, वह निश्चित ही महान बल्लेबाज है। टेस्ट मैचों को ही किसी बल्लेबाज की कुशलता की कसौटी माना जाता है। आस्ट्रेलिया के डान ब्रेडमैन को सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता है। विवाद उनके बाद यानि दूसरे स्थान के लिए होता है।  

टेस्ट मैचों में औसत के हिसाब से लारा सचिन के लगभग बराबर हैं। सचिन का औसत जहां 53 हैं वहीं लारा का औसत 52 है। सचिन ने लारा से लगभग चार हजार रन ज्यादा बनाए हैं लेकिन उन्होंने 68 टेस्ट मैच ज्यादा खेले हैं, जिनमें उन्होंने 96 पारियां खेली हैं। लगभग छह साल पहले रिटायर हो चुके लारा का खेल भारतीय क्रिकेट प्रेमियों ने सचिन की तुलना में कम ही देखा है। इसके अलावा हमारे देश में क्रिकेट जिस भावुकता व भक्तिभाव से देखा जाता रहा है, उसमें सोच-विचार की गुंजाइश कम ही है। जिस देश में मीडिया ने सचिन को क्रिकेट के भगवान के रूप में चर्चित कर रखा हो, वहां उनसे बेहतर किसी को मानने के लिए कौन तैयार होगा। यही कारण है कि कोई भी क्रिकेटर जब लारा को बेहतर बताता है तो चर्चा शुरू हो जाती है और लोग ऐसी बातों को गलत साबित करने में जुट जाते हैं। 

लारा और सचिन एक दूसरे के प्रशंसक हैं और स्वयं लारा सचिन को बेहतर मानते हैं। यह इन दोनों खिलाडिय़ों की महानता है। यह अलग बात है कि विजडन ने टेस्ट क्रिकेट की 100 सर्वश्रेष्ठ पारियों में सचिन की एक भी पारी को शामिल नहीं किया जिसकी सचिन के भारतीय प्रशंसकों व भारतीय मीडिया ने भारी आलोचना की। इस पर विजडन का जवाब यह था कि जीत दिलाने वाली या जीत में अहम भूमिका निभानेवाली पारियों को ज्यादा महत्व मिला और सचिन की ज्यादातर अच्छी पारियां या तो ड्रा मैच में आई हैं या हारे हुए मैच में। रहा सवाल लारा का, तो उन्हें दूसरा स्थान मिला। आस्ट्रेलिया के खिलाफ बारबाडोस में चौथी पारी में उन्होंने 309 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 153 नाबाद की पारी खेलकर वेस्टइंडीज को जीत दिलाई थी। इसमें आठ विकेट गिरने के बाद एम्ब्रोस व वाल्श के साथ बनाए गए 62 रन शामिल हैं। लारा के सामने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज ग्लेन मैकग्राथ थे और उन्होंने उस टेस्ट मैच में 44 ओवर फेंके थे। सचिन या लारा की सर्वश्रेष्ठता की तुलना करते समय सचिन की आस्ट्रेलिया में खेली गई पारियों की मिसाल दी जाती है। यहां भी लारा सचिन से बेहतर दिखाई देते हैं। लारा ने आस्ट्रेलिया में 277, 226, 182, 132 रन की पारी खेली जबकि सचिन ने 241, 154, 153,148, 114,116 रन की सर्वश्रेष्ठ पारियां खेली हैं। यहां देखना होगा कि लारा ने दो दोहरे शतक बनाए हैं जबकि सचिन ने दो शतक ज्यादा लगाया है। यह ध्यान रखना होगा कि सचिन ने 68 टेस्ट ज्यादा खेले हैं। 

लारा ने टेस्ट मैचों में एक बार 375 व एक बार 400 रन बनाया है जबकि भारत में बल्लेबाजी के अनुकूल फ्लैट पिचों पर खेलने के बावजूद सचिन का टेस्ट मैचों में उच्चतम स्कोर बांग्लादेश के खिलाफ 248 ही रहा और इस दिग्गज बल्लेबाज की पूजा करने वाले भक्तों को इस बात का मलाल ही रह गया कि सचिन के नाम एक भी तिहरा शतक दर्ज नहीं हो सका। 

बहरहाल, टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेनेवाले सचिन की प्रतिभा, क्रिकेट और अपने लक्ष्य प्रति उनके अतुलनीय समर्पण को सलाम है।  आज ही सचिन को भारत रत्न देने की घोषणा हुई है। सचिन को बधाई लेकिन ध्यानचंद जैसे कई महान खिलाडियों ने क्या बिगाड़ा था। 
(सहमति या असहमति, विरोध या समर्थन, प्रतिक्रिया जरूर दें।

8 comments:

  1. सौ फीसदी सच लिखा आपने...!

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  2. सही और सामयिक लेख...पर हर व्यक्ति की अपनी विशेषता होती है, तुलना करना बेमानी है |
    आप ने मेरे ब्लॉग पर पूछा था कि मेरे तो राधेश्याम भजन किसने गाया है ? तो वो मैं ही हूँ | और आडियो/ विडियो आप यहाँ देख सकते हैं---
    http://www.youtube.com/user/pvchaturvedi/videos

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  3. अच्छा लेख है , पर मै क्रिकेट संबंधी बहुत कम ही रूचि रखती हूँ
    अतः कोई सटीक टिप्पणी नहीं कर रही हूँ !

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  4. बैंगलोर में हिन्दी अखबार व पत्र-पत्रिकाओं का अबाव अखरता है आपका परिचय पाकर अच्छा लगा । बैंगलोर पहुँचने पर राजस्थान पत्रिका मँगाना शुरु करती हूँ । धन्यवाद ।

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  5. Aaj sab record dekhege per mai Sachin ko sarvshresth manta hu Sachin is great

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  6. बहस में पढ़ने के बजाय ... सचिन की महानता का जिक्र ज्यादा अच्छा रहेगा ... लारा का अपना समय था .. आज सचिन का है कल किसी और का होगा ... जहां तक भारत रत्न की बात है ध्यान चंद से शुरुआत होती तो ज्यादा अच्छा था ... पर भारत की राजनीति में सब कुछ संभव है ...

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  7. सटीक और समसामयिक ...... स्वार्थपरक राजनीतीके चलते इस में देश सम्मान का मान भी अपने फायदे के हिसाब से तय किया जाता है ....

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  8. बहुत सुन्दर विश्लेषण ....दोनों महान' खिलाडी हैं लेकिन हमें तो सचिन ही सब पर भरी लगते हैं ..

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